Why Sensex Crashed: भारतीय शेयर बाजार में आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1,000 अंकों से अधिक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी 1.3% गिर गया। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अनिश्चितता बढ़ रही है। डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ नीतियों के संकेत और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली ने बाजार को हिलाकर रख दिया। निवेशकों के मन में डर का माहौल है और बाजार की दिशा को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है।
Why Sensex Crashed: किन कारणों से बाजार में आई गिरावट?
- ट्रंप के टैरिफ का असर
डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो चीन और अन्य देशों पर कड़े टैरिफ लगाएंगे। इससे वैश्विक व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा है, क्योंकि विदेशी निवेशक सतर्क हो गए हैं। - विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली (FII Selling)
बीते कुछ हफ्तों से विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के कारण एफआईआई भारत समेत उभरते बाजारों से धन निकालकर सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बढ़ गया है। - डॉलर की मजबूती और रुपया कमजोर
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और भारतीय रुपये में कमजोरी के चलते भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजारों में निवेश महंगा हो जाता है, जिससे बिकवाली का दबाव बनता है। - कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता है। महंगा कच्चा तेल भारत के व्यापार घाटे को बढ़ा सकता है और मुद्रास्फीति (Inflation) को भी प्रभावित कर सकता है। - घरेलू निवेशकों की घबराहट और तकनीकी बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से अस्थिरता बनी हुई है। सेंसेक्स और निफ्टी ने हाल ही में नए उच्चतम स्तर छुए थे, जिससे कई निवेशकों ने मुनाफा बुकिंग शुरू कर दी। इसके अलावा, तकनीकी स्तर पर प्रमुख इंडेक्स के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल टूटने से भी गिरावट और तेज हो गई।
Why Sensex Crashed: बाजार में आगे क्या हो सकता है?
- यदि एफआईआई की बिकवाली जारी रहती है, तो बाजार में और कमजोरी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को अगले कुछ दिनों में अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों, फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और वैश्विक बाजारों की दिशा पर नजर रखनी होगी।
- यदि कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर इंडेक्स में गिरावट आती है, तो भारतीय बाजार को कुछ राहत मिल सकती है।
- कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
निवेशकों के लिए सलाह
- लंबी अवधि के निवेशक घबराकर अपने पोर्टफोलियो में बड़े बदलाव न करें।
- मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश बनाए रखें और गिरावट का फायदा उठाकर खरीदारी करें।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को स्टॉप-लॉस का सख्ती से पालन करना चाहिए।
आज की गिरावट (Why Sensex Crashed) ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है। ट्रंप की टैरिफ नीति, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक कारकों का भारतीय बाजार पर दबाव बना हुआ है। ऐसे में समझदारी भरा निवेश और धैर्य ही सही रणनीति साबित हो सकती है।