Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या, जहां हर दिन राम नाम की गूंज रहती है, आज एक अनमोल धरोहर खो चुकी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास जी महाराज का निधन न केवल मंदिर प्रशासन बल्कि करोड़ों राम भक्तों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके जीवन का हर क्षण रामलला की सेवा में समर्पित था, और उनकी अनुपस्थिति अयोध्या के आध्यात्मिक वातावरण में गहरी कमी छोड़ गई है।
मंदिर परिसर में आज रामधुन के बीच गमगीन संतों की आंखों में अश्रु थे। भक्तों ने उन्हें अंतिम विदाई देते हुए कहा—रामलला के सेवक अब स्वयं श्रीराम के चरणों में विलीन हो गए।
Ram Mandir Ayodhya: रामलला के परम भक्त: उनकी सेवाओं का गौरवशाली सफर

आचार्य सतेंद्र दास जी महाराज केवल एक पुजारी नहीं, बल्कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र थे। उनकी पूजा-पद्धति, अनुशासन और अटूट भक्ति ने उन्हें न केवल मंदिर का प्रमुख सेवक बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बना दिया था।
रामलला की पूजा-अर्चना का आधारस्तंभ
- वे रामलला की मंगल आरती से लेकर शयन आरती तक हर विधि-विधान को व्यक्तिगत रूप से संपन्न कराते थे।
- उनकी मंत्रोच्चार की ध्वनि से मंदिर परिसर में दिव्यता का संचार होता था।
- श्रीराम मंदिर आंदोलन और उनकी भूमिका
- राम मंदिर निर्माण के संघर्ष के दौरान उन्होंने मंदिर परिसर को **धार्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत बनाए रखा।
- आंदोलन के बाद वे मंदिर की धार्मिक परंपराओं को पुनर्स्थापित करने में अग्रणी रहे।
- भक्तों के लिए धर्मोपदेश और मार्गदर्शन
- वे अयोध्या में आने वाले राम भक्तों को धर्म, भक्ति और सेवा का संदेश देते थे।
- उनका मानना था कि राम की सेवा ही जीवन का परम लक्ष्य है।
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में शोक, संत समाज ने दी श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर से पूरा अयोध्या स्तब्ध रह गया। मंदिर परिसर में राम नाम संकीर्तन के बीच भक्तों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने इसे एक युग का अंत बताया।
- अयोध्या के संत समाज ने कहा कि “राम मंदिर का हृदय धड़कना बंद हो गया है।”
- भक्तों की आंखों में अश्रु थे, और वे बार-बार यही कह रहे थे—”रामलला का अभिन्न सेवक अब स्वयं राम के चरणों में चला गया।”
- आध्यात्मिक विरासत: जो सदा रहेगी अमर
- आचार्य सतेंद्र दास जी महाराज का जीवन केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने **रामभक्ति की एक सशक्त धारा प्रवाहित की।
उनका नाम अब रामलला की सेवा के इतिहास में अमर रहेगा।उनके द्वारा सिखाए गए धार्मिक अनुशासन, भक्ति और सेवा के आदर्शों को आने वाली पीढ़ियां भी अपनाएंगी।
Ram Mandir Ayodhya: रामलला के चरणों में विलीन हुए उनके प्रिय सेवक
आचार्य सतेंद्र दास जी महाराज का जाना, केवल एक संत का निधन नहीं बल्कि अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) की आध्यात्मिक शक्ति का एक स्तंभ गिरने जैसा है। परंतु उनकी भक्ति, उनकी सेवा और उनकी साधना सदैव अमर रहेगी।
आज, जब रामलला के मंदिर में दीपक जलाए जा रहे हैं, तो यह केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनके द्वारा जलाए गए भक्ति और सेवा के प्रकाश को आगे बढ़ाने का संकल्प है।