Delhi Election 2025: दिल्ली की राजनीति हमेशा से देश की राजनीति का आईना रही है। यह एक ऐसा मैदान है जहां सत्ता की बिसात पर हर चाल जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं से जुड़ी होती है। 2025 के विधानसभा चुनाव की दस्तक ने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को फिर से गर्म कर दिया है। इस बार का चुनाव सिर्फ पार्टियों की ताकत का इम्तिहान नहीं है, बल्कि यह यह तय करेगा कि दिल्ली का भविष्य किस दिशा में जाएगा। आइए, इस विश्लेषण में जानते हैं कि कौन से मुद्दे चुनावी केंद्र में हैं,
Delhi Election 2025: मुख्य मुद्दे: जनता की प्राथमिकताएं

शिक्षा और स्वास्थ्य: AAP का मॉडल बनाम विपक्ष की चुनौती
आम आदमी पार्टी (AAP) ने पिछले एक दशक में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं। सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों की सफलता के दावों के बीच विपक्ष इस मॉडल की स्थिरता और दीर्घकालिक प्रभाव पर सवाल उठा रहा है।
महिला सम्मान योजना और सामाजिक सुरक्षा
AAP की ₹2,100 मासिक नकद हस्तांतरण योजना (महिला सम्मान योजना) ने चुनावी बहस को गर्म कर दिया है। विपक्ष इसे मुफ्तखोरी करार दे रहा है, जबकि AAP इसे महिलाओं के सशक्तिकरण का जरिया बता रही है।
प्रदूषण और पर्यावरण: क्या दिल्ली सांस ले पाएगी?
दिल्ली की हवा और यमुना नदी की सफाई (Delhi Election 2025) एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुकी है। AAP सरकार ने ई-बसों और हरित ऊर्जा में निवेश किया है, लेकिन विपक्ष इसे पर्याप्त नहीं मान रहा।
Delhi Election 2025: राजनीतिक समीकरण- कौन किसके साथ?

भाजपा: क्या इस बार बदलाव होगा?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले तीन चुनावों में दिल्ली की सत्ता से दूर रही है। इस बार पार्टी ने युवा चेहरों और राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।

कांग्रेस: वापसी की उम्मीद या अस्तित्व की लड़ाई?
कांग्रेस, जो कभी दिल्ली की राजनीति का केंद्र थी, अब अपनी खोई जमीन तलाश रही है। पार्टी ने स्थानीय नेतृत्व को प्राथमिकता देकर नई रणनीति अपनाई है।
नई पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार
दिल्ली में कुछ नई पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं, जो वोटों में सेंधमारी कर सकते हैं।
Delhi Election 2025:जनता का मूड, सर्वे और रुझान
आप के पक्ष में सकारात्मक लहर: जनमत सर्वेक्षण बताते हैं कि AAP अभी भी मजबूत स्थिति में है, खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के बीच।
भाजपा का आक्रामक प्रचार: भाजपा ने इस बार बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी रही है।
कांग्रेस की वापसी की संभावना
कांग्रेस की स्थिति कमजोर है, लेकिन कुछ सीटों पर पार्टी की वापसी संभव है।
चुनाव का आर्थिक पहलू: बजट और वादे
AAP की योजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि मुफ्त योजनाओं से दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा।
भाजपा की वैकल्पिक नीतियां
भाजपा ने आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन ठोस योजनाओं की कमी इसे कमजोर कर रही है।
क्या जनता फिर करेगी ‘आप’ पर भरोसा?
Delhi Election 2025: न केवल एक राजनीतिक लड़ाई है, बल्कि यह जनता की आकांक्षाओं और उनके विश्वास का भी प्रतिबिंब है। AAP अपनी नीतियों और कामों के दम पर सत्ता में वापसी का दावा कर रही है, जबकि भाजपा और कांग्रेस इसे चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
जनता का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली का दिल इस बार किसके लिए धड़कता है। क्या आम आदमी पार्टी फिर रचेगी इतिहास?